काफी सख्या में पोलिस जवान भी उपस्थित थे
इस अवसर पर बी के भगवान् भाई ने कहा कि हम पोलिस होने के नाते दुसरो को अनुशासन सिखाते है तो पहले हमे अनुशासन में रहना होगा तनाव का भू बड़ा कर्ण हमारे गलत कर्म इसलिए अपने कर्मो पर ध्यन दे पोलिस होने के नाते हमारे में देश प्रेम हो सत्यता इमानदारी हो कोइ व्यसन नशा न हो माहत्मा गाँधी के पास सत्यता ईमानदारी यह शस्त्र थे जिस बल पर इग्रेजो को भगाया एसे हमे भी स्थूल शस्त्र के साथ गुण रूपी हथियार भी जरूरी है फिजिकली के साथ हमारी मेंटल हेल्थ भी आच्ची हो तब हम देश कि सेवा कर सकेगे उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच द्वारा विपरित परिस्थिति में हलचल से बाख सकते है निराशा में भी आशा की किरण दिखने लगती है। अपनी समस्या को
समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का कारण ढूढने की बजाए निवारण ढंूढ़े।उन्होंने कहा कि समस्या का चिंतन करने से तनाव की उत्पत्ति होती है। मन के विचारों का प्रभाव वातावरण पेड़-पौधों तथा दूसरों व स्वयं पर पड़ता है।
यदि हमारे विचार सकारात्म है तो उसकासकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जीवन को रोगमुक्त,दीर्घायु, शांत व सफल बनाने के लिएहमें सबसे
पहले विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए। राजयोगी भगवान भाई ने कहा कि सकारात्मक विचार से समस्या समाधान में बदल जाती है। एक दूसरों के प्रति
सकारातमक विचार रखने से आपसीभाई चारा बना रहता है। उन्होंने सत्संग एवं
आध्यात्मिक ज्ञान को सकारात्मक सोच के लिए जस्री बताते हुए कहा कि हम अपने आत्मबल से अपना मनोबल बढ़ा सकते है। सत्संग के द्वारा प्राप्त ज्ञान