बी के भगवान् भाई ने कहा कि बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान के छात्र भावी समाज हैं। यदि भावी समाज को आदर्श बनाना चाहते हों तो छात्रों को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक आचरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी यदि बच्चे बिगड़ रहे हैं, उसका अर्थ मूर्तिकार में भी कुछ कमी है। शिक्षकों के केवल पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने वाला शिक्षक बनाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंतर सदगुण होना जरुरी