Nepal September or October 2018: नैतिक शिक्षा राजयोग द्वारा, तनाव मुक्त जीवन

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नेपाल बागलुग में काली गणडगी टी व्ही चैनेल में बी के भगवान भाई प्रोग्राम और मुलाकात

नेपाल बुटवल के स्कूल कालेज में नैतिक शिक्षा पर प्रोग्राम


आदर्श समाजमा नैतिक, सामाजिक र आध्यात्मिक मूल्य प्रचलित भएको हुन्छ जसबाट असल जीवन जीउनको निम्ति मार्गदर्शन पाईन्छ ।

नैतिक मूल्यहरुको धारणाद्वारा नै मानव मनका आन्तरिक शक्तिहरुको विकास हुन्छ ।
यो उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, माउण्ट आबु, राजस्थान (भारत) बाट पाल्नुभएका ब्रह्माकुमार भगवान् भाईले व्यक्त गर्दै आज विद्यार्थी तथा शिक्षकहरुलाई जीवनमा नैतिक शिक्षामाथि प्रकाश पारिरहेका थिए । गौतम माध्यमिक विद्यालयका छात्र तथा छात्रहरुलाई ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केन्द«, छपकैया, वीरगंजको सभाहलमा प्रशिक्षण दिइएको थियो ।

राजयोग प्रशिक्षक भगवान् भाईले भने, मूल्य जीवनको सुन्दरता, श्रृङ्गार एवं वरदान हो । मूल्य नै मानव जीवनको चरित्रको धोतक हो नैतिक मूल्यको आधार नै हामीले आफ्नो कामजोरीमाथि सफलतापूर्वक सामना गरेर नकारात्मक विचार वाणीमाथि विजय पाउन सक्छौं । तिनले यो पनि भने, मूल्य नै जीवनको निधि हो जसद्वारा हामी सम्पन्न बन्न सक्छौ । जीवनमा खुशी प्रदान गर्ने हाम्रो साँचो मित्र नै मूल्य हो ।

तिनले भने, मूल्यले हामीलाई स्वाबलम्बी एवं निर्बन्धन बनाएर बाहिरी समस्याहरुबाट हामीलाई रक्षा गर्दछ । मूल्य नै मानव जीवनको गरिमा हो जसको धारणाले साँचो सुख, शान्ति, सम्मान प्राप्त हुँदैछ । नैतिक मूल्यको महत्व बताउँदै सामाजिक समस्या, विध्न, अशान्ति आदिलाई सामना गर्नको लागि मूल्यहरुको आवश्यकता पर्दछ । भगवान् भाइजीले भन्नुभयो कि व्यक्तिले यदि चरित्रको उत्थान गर्न चाहन्छन् भने आन्तरिक शक्तिद्वारा आत्मबल, मनोबलको लागि नैतिक मूल्यको आवश्यकता पर्दछ ।

भगवान् भाइजीले नैतिक शिक्षाको महत्व बताउँदै भन्नुभयो, सहनशीलता, नम्रता, धैर्यता, शीतलता, शान्ति, भ्रातृत्व, स्नेह आदि जस्ता सद्गुणहरुद्वारा नै व्यक्तित्वको विकास हुँदैछ । तिनले यो पनि बताए कि नैतिक मूल्यहरुको धारणाले जीवनमा आइपर्ने विभिन्न परीक्षाहरुमा हामी सफल बन्न सक्छौ ।
गौतम मा.वि., वीरगंजका उप–प्रधानाचायले उद्बोधनमा मूल्यहरुको आधारद्वारा नै संसार तथा समाज चल्ने र यदि मानव मूल्यमा कमी रहे सम्पूर्ण संसारमा विपत्ति आउने बताए। उहाँले मूल्य जागृति कार्यक्रमको प्रशंसा गरे । स्थानिय ब्रह्माकुमारी सेवा केन्द«की सञ्चालिका ब्रह्माकुमारी बेली दिदीले आफ्नो उद्बोधनमा भनिन् अवगुण हाम्रो शत्रु हो । अनैतिकता, चोरी, असत्य, व्यसन, नशा तथा क्रोध देखि टाडा रहने सुझाव दिइन् । उनले ईश्वरीय ज्ञान र राजयोगको अभ्यास गरेर पारम्परिक संस्कृतिक अपनाउने सुझाव दिइन् । यसै गरी वीरगंज कारागार का कैदीहरुका बीचमा पनि मानव जीवनमा मूल्यको महत्व बारे प्रशिक्षण दिईएको थियो भने नरसिंह क्याम्पसमा पनि क्याम्पस प्र्रमुख मुना राणा तथा अन्य विशिष्ठ पदाधिकारी लगायत क्याम्पसका सबै स्टाफ, नर्स एवं प्राध्यापक आध्यात्मिक ज्ञानको माध्यम बाट मानवीय मूल्यहरुको विकास गर्दै सबैका लागि प्रेरणादायी र आदर्श जीवन जीउने कलाको विषयमा प्रशिक्षण दिइएको छ ।

नेपाल सेवा प्रेस न्यूज़

नेपाल में गौर में परमात्म शक्ति द्वारा विश्व का परिवर्तन पर प्रोग्राम

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नेपाल में गौर में परमात्म शक्ति द्वारा विश्व का परिवर्तन पर प्रोग्राम
इस अवसर पर बी के भगवान् भाई ने कहा की वर्तमान में दुनया में ज्ञान देनेवाली सस्थाये बहुत है लेकिन समाज की स्थिति सभी देख रहे है क्या है वास्तव में इस भोतिक ज्ञान से मानव का परिवर्तन नही होता है मानव के परिवर्तन के लिए परमात्म ज्ञान की आवश्यकता है | विश्व परिवर्तन के लिए परमात्मा हमे यही ज्ञान देते है की तुम एक आत्मा हो आपस में भाई भाई हो आप सभी का घर चाँद सूरज तारागण से भी पर परमधाम शांतिधाम है आप सभी का पिता एक परमात्मा है अब समय चक्र के अनुसार आप सभी को देह सहित देह के सर्व सम्बधो को पदार्थ को छोड़ वापिस आपने घर जाना है | जैसा कर्म आप करते हो वैसा आपको फल मिलता हैं |तुम्हारे जीवन की हर घटनायो में कुछ न कुछ कल्याण समय हुआ होता है इस प्रकार के ज्ञान से आपसी भाईचारा आएगा हम तनाव टेंशन से छुट जायेगे विषय वासनाओ से छुट जायेगे इससे स्वयं का और विश्व का भी परिवर्तन हो जायेगा
बी कमलेश बहन ने भी अपना संबोधन दिया अंत में सभी को ईश्वरीय सोगात भी दी

अच्छे शिक्षक ही कर सकते हैं समाज में सुधार : भगवान भाई

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समाजको सुधारने के लिए आदर्श शिक्षकों की आवश्यकता है क्योंकि समाज शिल्पी है शिक्षक।

यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के शिक्षकों को आदर्श शिक्षक विषय पर संबोधित करते हुए कहे।

उन्होंने कहा कि बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान के छात्र भावी समाज हैं। यदि भावी समाज को आदर्श बनाना चाहते हों तो छात्रों को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक आचरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी यदि बच्चे बिगड़ रहे हैं, उसका अर्थ मूर्तिकार में भी कुछ कमी है। शिक्षकों के केवल पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने वाला शिक्षक बनाना है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंतर सदगुण होना जरु

नैतिक मूल्य और सकारत्मक चिन्तन

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इस अवसर पर बी के भगवान् भाई ने कहा की वर्तमान समय जितनी भी समस्या हैं उन सबका कारण है नकारात्मक सोच। नकारात्मक सोच से तनाव बढ़ता है। तनाव मुक्त बनने के लिए सकारात्मक विचार संजीवनी बूटी है। सकारात्मक विचार से ही मुक्ति संभव है।

21वीं सदी तनाव पूर्ण होगी। ऐसे तनावपूर्ण परिस्थितियों में तनाव से मुक्त होने सकारात्मक विचारों की आवश्यकता है कहा कि जहां तनाव है वहां अनेक समस्याएं बढ़ जाती हैं। तनाव के कारण आपसी मतभेद, टकराव बढ़ जाते हैं। जहां तनाव है वहां मानसिक अशांति के वश होकर मनुष्य व्यसन, नशा, डिप्रेशन के वश हो जाता है। उन्होंने बताया कि मन चलने वाले नकारात्मक विचारों के कारण ही मन में घृण, नफरत, बैर, विरोध, आवेश और क्रोध उत्पन्न होता है। नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों की कमी यही व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सर्व समस्याओं का मूल कारण है। विद्यार्थियों का मूल्यांकन आचरण, अनुसरण, लेखन, व्यवहारिक ज्ञान व अन्य बातों के लिए प्रेरणा देने की आवश्यकता है। ज्ञान की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि जो शिक्षा विद्यार्थियों को अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर, बन्धनों से मुक्ति की ओर ले जाए वही शिक्षा है। उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त समाज के लिए संस्कारित शिक्षा जरूरी है।
है। उन्होंने कहा नैतिकता से मनोबल कम होता है। मूल्यों की शिक्षा से ही हम जीवन में विपरीत परिस्थिति का सामना कर
सकते हैं। जब तक हम अपने जीवन में मूल्यों और प्राथमिकता का निर्धारण नहीं करेंगे, अपने लिए आचार संहिता नहीं बनाएंगे तब तक हम चुनौतियों का
मुकाबला नहीं कर सकते। चरित्र उत्थान और आंतरिक शक्तियों के विकास के लिए आचार संहिता जरूरी है। उन्होंनेे अंत में नैतिक मूल्यों का स्रोत आध्यमित्कता को बताया। जब तक आध्यात्मिकता को नहीं अपनाएंगे जीवन में मूल्यों की धारणा संभव नहीं है।

विषय—जीवन में नैतिक मूल्य का महत्व

बी के भगवान् भाई ने कहा कि बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान के छात्र भावी समाज हैं। यदि भावी समाज को आदर्श बनाना चाहते हों तो छात्रों को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक आचरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी यदि बच्चे बिगड़ रहे हैं, उसका अर्थ मूर्तिकार में भी कुछ कमी है। शिक्षकों के केवल पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने वाला शिक्षक बनाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंतर सदगुण होना जरुरी